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मां तो मां है: बेटे की याद आती है तो उसकी चिता की राख पर सो जाती है https://ift.tt/3eEwtcF माटी का शरीर भले ही माटी में मिल जाए पर मां की ममता कभी मिट्‌टी नहीं हो सकती। ऐसी ही कहानी है उत्तर गुजरात के जूनीरोह गांव की मंगूबेन चौहाण की। चार महीने पहले उनके बेटे महेश का एक हादसे में निधन हो गया था। गांव के पास ही उसका अंतिम संस्कार हुआ। | When she misses her son, she falls asleep on the ashes of her pyre in gujarat , amirgarh(banaaskaantha)

माटी का शरीर भले ही माटी में मिल जाए पर मां की ममता कभी मिट्‌टी नहीं हो सकती। ऐसी ही कहानी है उत्तर गुजरात के जूनीरोह गांव की मंगूबेन चौहाण की। चार महीने पहले उनके बेटे महेश का एक हादसे में निधन हो गया था। गांव के पास ही उसका अंतिम संस्कार हुआ। | When she misses her son, she falls asleep on the ashes of her pyre in gujarat , amirgarh(banaaskaantha)


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