डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से फोन पर बात की। राज्यपाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, पीएम मोदी ने फोन किया। उन्होंने बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई। राज्य में हिंसा बर्बरता, आगजनी, लूट और हत्याएं जारी हैं। इस पर नियंत्रण बहुत ही जरूरी है।
इससे पहले राज्यपाल ने प्रदेश के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को तलब कर उन्हें शांति बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सत्ता में वापसी के एक दिन बाद हुई इन घटनाओं के बाद की स्थिति पर अफसरों से चर्चा की। धनखड़ ने गृह सचिव एक के द्विवेदी से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, “राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर मैंने एसीएस गृह को तलब किया था और उन्हें चुनाव बाद हुई राज्य में हुई हिंसा व तोड़फोड़ तथा उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट देने को कहा गया है।”
बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद हिंसा शुरू हो गई है। नतीजे वाले दिन ही कोलकाता में BJP के दफ्तर में आग लगा दी गई थी। सोमवार को भी पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या की खबर सामने आई। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले ममता बनर्जी की शह पर हो रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट तलब की है। बीजेपी ने बंगाल में राजनीतिक हिंसा के खिलाफ 5 मई को देशव्यापी धरना-प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया है।
इस बीच पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह ने विवादित बयान दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तृणमूल के नेताओं को भी दिल्ली आना है। उन्होंने कहा कि TMC के गुंडों ने चुनाव जीतते ही हमारे कार्यकर्ताओं को जान से मारा। कार्यकर्ताओं की गाड़ियां तोड़ीं। उपद्रवी उनके घरों को आग के हवाले कर रहे हैं। याद रखना TMC के सांसद, मुख्यमंत्री, विधायकों को भी दिल्ली आना होगा। इसको चेतावनी समझ लेना। चुनाव में हार जीत होती है, मर्डर नहीं।
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